छात्र और शिक्षक टकराव की राह पर-
SC-ST-OBC के छात्र अब कैंपस में 50% और कई जगह इससे बहुत ज्यादा हो चुके हैं, जबकि मास्टरों में यह सामाजिक विविधता नदारद है. फैकल्टी यानी शिक्षकों में जाति वर्चस्व कायम है.
इस असंतुलन के कारण इंटरव्यू/वाइवा में जानबूझकर कम नंबर देने से लेकर एडमिशन में रोकने से लेकर प्लेसमेंट में बेईमानी से लेकर पढाने में दिलचस्पी न लेने समेत कई तरह की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं.
इसका तत्काल समाधान निकाला जाना चाहिए. तनाव बढ़ता जा रहा है.