हिसाब बराबर. अब रोइए मत.(8/4/2015)

आप पोंगापंथ का प्रचार करके मेरी तार्किक बुद्धि को चोट पहुंचाते हैं. इसलिए मैं आपकी आस्था को चोट पहुंचाता हूं. न आप मुझे छेड़िए, न मैं अपको छेडूगा. शुरुआत भी आपने की है. आप पहले बंद कीजिए.

हिसाब बराबर. अब रोइए मत.

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